कानपुर: उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी सहयोगी और कथित फाइनेंसर जय वाजपेयी और बहनोई प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्लू को गिरफ्तार किया। वाजपेयी पर आरोप है कि उन्होंने 3 जुलाई को बकरू घात में इस्तेमाल किए गए दुबे गिरोह के सदस्यों को गोला-बारूद मुहैया कराया था, जिसमें आठ पुलिस कर्मी मारे गए थे।
वाजपेयी और डब्लू दोनों पर आर्म्स एक्ट और धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कानपुर के व्यवसायी, वाजपेयी ने वर्षों में बड़ी संपत्ति अर्जित की थी। वह दुबे और उसके गिरोह के सदस्यों के प्रमुख फाइनेंसर के रूप में जाने जाते थे।
एसएसपी ने कहा कि उनके घर की तलाशी के दौरान 20 से अधिक कारतूस गायब पाए गए और जय बाजपेयी लापता गोला बारूद की व्याख्या नहीं कर सके।
जांच में पता चला कि दुबे और वाजपेयी रोजाना कम से कम 8-10 बार एक-दूसरे से बात करते थे। उनके कॉल विवरण के अनुसार, वह गैंगस्टर के लगातार संपर्क में था।
वह दुबे से मिलने उनके बिक्रू गाँव या कानपुर के किसी दूसरे फ़्लैट में आया करता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वाजपेयी ने हवाई फायरिंग करके जेल से दुबे की रिहाई का जश्न मनाया था, जिसका गैंगस्टर की मां ने विरोध किया था।
वाजपेयी दुबे के साथ नकद में सौदा करते थे। वह 3-4 घंटे के नोटिस पर नकदी की व्यवस्था करता था, दुबे के लिए 5 लाख रुपये तक की नकदी की व्यवस्था करता था। नकद पैसे के अलावा, वह गैंगस्टर और उसके गिरोह के सदस्यों के लिए कारों की व्यवस्था भी करता था।
माना जाता है कि जय वाजपेयी ने सट्टेबाजी के खेल में भी दुबे के साथ पैसा लगाया था। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने विकास दुबे और कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के बीच एक काम किया।